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गीता प्रेस, गोरखपुर >> उपनिषदों के चौदह रत्र

उपनिषदों के चौदह रत्र

हनुमानप्रसाद पोद्दार

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 928
आईएसबीएन :81-293-0543-7

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उपनिषद् हमारी अमूल्य निधि है। उपनिषदों में उस कल्याणमय ज्ञान का अखण्ड और अनन्त प्रकाश है जो घोर क्लेशमयी और अन्धकारमयी भवाटवी में भ्रमते हुए जीव को सहसा उससे निकालकर नित्य निर्बाध ज्योतिर्मयी और पूर्णानन्दमयी ब्रह्मसत्ता में पहुँचा देता है।

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